13 life lessons for success
जिंदगी में हमे कभी न कभी ऐसा जरूर लगता है, जब हम खुद और दूसरों के साथ हो रही ज्यादती को देखकर भी कुछ नहीं कर पाते। इन सबका कारण हमारी वास्तविक education importance की नासमझ के कारण होता है। जानते हैं कुछ ऐसी ही वास्तविकताओं के बारे में जो शायद हमें काफी समय गुजर जाने के बाद समझ में आती हैं।
इसी को ध्यान में रखते हुए Indian Education Minister श्री रमेश पोखरियाल जी ने New Education Policy की नींव रखी है।
आपके talent से ज्यादा व्यवहारिक ज्ञान मायने रखता है
हमें बचपन में स्कूल से लेकर कॉलेज तक यही पढ़ाया जाता है कि “talented लोगों को ऊपर जाने से कोई नहीं रोक सकता” , लेकिन वास्तविकता में ऐसा नहीं होता है। हमारे आस पास या हम खुद भी हमारी योग्यताओं के अनुसार हासिल नहीं कर पाते। इसका कारण हमारी टैलेंट के बारे में गलत सोच है। हमारे किताबी टैलेंट से ज्यादा व्यवहारिक ज्ञान ज्यादा मायने रखता है। हम विपरीत परिस्थितियों में किस प्रकार अपने आप को संभालते हैं, वह हमारी सफलता का राज होता है। इसके लिए आपको गणित या भौतिकी के बड़े बड़े फॉर्मूले नहीं चाहियें। हमारे द्वारा लिए गए छोटे छोटे फैसले, आगे की दिशा और दशा तय करते हैं। व्यवहारिक ज्ञान के कुछ उदाहरण नीचे दिए गए हैं।
व्यवहारिक शिक्षा क्यों जरूरी है
हाल में ही एलोन मस्क (टेस्ला मोटर के सीईओ) ने घोषणा की थी , उनकी कम्पनी में नॉकरी लेने के लिए किसी डिग्री की जरूरत नहीं है।
“Educational background is irrelevant, but all must pass hardcore coding test”- एलोन मस्क
रेगुलर शिक्षा के सीमित महत्व के कारण, पूरी दुनिया में ऐसे लोगों की डिमांड बढ़ रही है, जो किसी भी क्षेत्र में अभूतपूर्व योग्यता रखते हैं, बजाए उनकी डिग्रियों के।
Education Quotes दुनिया के महान लोगों द्वारा
अगर आपके पास कॉलेज की डिग्री है, तो इसका मतलब यह कभी नहीं है कि आपके पास शिक्षा नहीं है।
मरकोलन मार्शल (एक अध्यापक)
बच्चों को सोचने का तरीका सीखाना चाहिए, न कि क्या सोचना है ये।
Margaret Mead
इंसान की असल शिक्षा, स्कूल छोड़ने के बाद शुरू होती है। शिक्षा जिंदगी में अनुशासन के साथ सीखी जाती है।
हेनरी फोर्ड, फोर्ड मोटर के संस्थापक
शिक्षा वो होती है, जो स्कूल में सीखी हुई चीजें भूलने के बाद बचती है।
अल्बर्ट आइंस्टाइन, वैज्ञानिक
कैसे Politicians अपने से ज्यादा पढ़े लिखे अफसरों को control करते हैं
सारे राजनीतिक नेता पढ़ाई में ज्यादा होशियार नहीं होते हैं, लेकिन फिर भी अपने व्यवहारिक ज्ञान की बदौलत बड़े बड़े वैज्ञानिकों और अफसरों पर राज करते हैं
विधुतीकरण के सबसे बड़े वैज्ञानिक की कहानी
निकोला टेस्ला, जोकि भौतिकी के बहुत बड़े वैज्ञानिक थे, फिर भी अपनी मौत के समय वो गरीब ही थे। जबकि थॉमस अल्वा एडिसन जोकि विद्युत के ही वैज्ञानिक थे, उनकी सम्पति 1889 में ही 1500 करोड़ रुपये के आस पास थी। आज भी निकोला टेस्ला को दुनिया का सबसे बड़ा और बुद्धिमान व्यक्ति माना जाता है जबकि उनकी व्यक्तिगत सफलता न के बराबर रहीं। टेस्ला द्वारा खोज किया गया AC करंट आज पूरी दुनिया में विधुत स्थानांतरण में प्रयोग होता है
मेरे एक दोस्त नीरज गुप्ता की कहानी
मेरा एक दोस्त नीरज। नीरज गुप्ता, पवन कुमार और रोहित जैन तीनों ने स्कूल की पढ़ाई एक साथ कि थी। पढ़ाई में पवन और रोहित औसत लड़के थे जो प्रायः 60% की श्रेणी में रहते थे। इसके विपरीत नीरज पढ़ाई में बहुत तेज था औऱ उसके नम्बर 85 से 90% की श्रेणी में आते थे।
इतना बड़ा अंतर होने के बावजूद भी आज पवन प्रति महीने 1 लाख और रोहित 1.2 लाख रुपए कमा रहे हैं, जबकि नीरज आज भी एक प्राइवेट स्कूल में 20 हज़ार की नॉकरी कर रहा है। इसके साथ साथ कोरोना वायरस की वजह से पवन और रोहित की सैलरी पर कोई खास असर नहीं पड़ा है, जबकि नीरज को अप्रैल 2020 से अब तक (अगस्त 2020) तक तनख्वाह नहीं मिली है।
इस अंतर का मुख्य कारण पवन और रोहित द्वारा लिए गए व्यवहारिक फैसले थे, जब पवन ने 2007 में 12वीं के बाद तकनीकी डिप्लोमा करते ही 5 हज़ार रुपये से नॉकरी की शुरुआत की और आज वह अपनी छटी कम्पनी में काम कर रहा है। रोहित जैन ने भी आर्ट्स से स्नातक करते ही डेकाथलान स्टोर में एक सेल्स मैन की नॉकरी की और आज वह भी अपने 7वें स्टोर में बतौर मैनेजर काम कर रहा है। इन सबके विपरीत नीरज गुप्ता जो असाधारण प्रतिभा का धनी था, सामान्य पढ़ाई में ही आगे बढ़ने का फैसला किया। 2014 में MA बीएड करने के बाद एक स्कूल में बतौर टीचर काम करना शुरू किया। वह 6 साल से उसी स्कूल में है तथा 8 हजार में शुरुआत से अब तक सिर्फ 11 हज़ार तक पहुंच पाया है। 9 से 10 हज़ार वह ट्यूशन से कमा लेता है।
नीरज के दोस्तों पवन और रोहित के कई बार समझाने पर भी उसने अपनी जिंदगी में बदलाव करने की कोशिश नही की। एक बार तो रोहित जैन से नीरज गुप्ता को अपने स्टोर में नॉकरी भी दिलवा दी थी, लेकिन अपने कम व्यवहारिक ज्ञान की वजह से नीरज गुप्ता उस नॉकरी को छोड़कर वापिस उसी स्कूल में चला गया।
कहानी की सीख
इस कहानी का लक्ष्य आपको पढाई के बारे में गलत साबित करने का नहीं है। अपितु यह बताने के लिए है कि आपकी पढ़ाई उसी दिशा में होनी चाहिए ,जहां आप उसे अपने लिए या दूसरों के भले के लिए प्रयोग कर पाओ। व्यर्थ में डिग्रियां और जानकारी लेने से कोई फायदा नहीं होगा। समाज में बाहर निकलकर देखने से पता चलता है कि कामयाब होने के लिए हमें असाधारण योग्यता की नहीं अपितु सही समय पर सही चुनाव करने की आवश्यकता होती है।
सफल शिक्षा के 13 उपाय
राहत की बात यह कि हम अपने व्यवहारिक ज्ञान को बढ़ा सकते हैं। नीचे लिखे गए टिप्स हैं जिनका अनुसरण किया जाना चाहिए:
- आप जो कुछ पढ़ रहे हैं, उसके बारे में पढाई के अलावा भी जानकारी हासिल करें, जैसे आर्ट्स पढ़ रहे हैं तो जिंदगी में कहाँ प्रयोग कर सकते हैं। आर्ट्स के भी सिर्फ कुछ हिस्से ही ज्यादा महत्वपूर्ण होंगे, उनपर ज्यादा फोकस करें।
- अपने खाली समय का प्रयोग नई नई तकनीकों के बारे में जानकारी हासिल करने में करें। जैसे नॉकरी के अलावा और कोनसे तरीके हैं, जिनसे आप पैसे कमा सकते हैं।
- अपनी भावनाओं पर नियंत्रण करना सीखें। हम बहुत बार लॉजिक के बिना सिर्फ भावनाओं में बहकर फैसले कर लेते हैं, जिनपर बाद में पछ्तावा होता है।
- अपने लिए रख लक्ष्य का निर्धारण करें, और जी जान से उस पर लग जाएं। अपने दोस्तों या पड़ोसियों को देखकर अपने लक्ष्य को न बदलें। एक बार फैसला करने के बाद उस पर लगातार मेहनत करते रहें। ईमानदारी के साथ काम करने से एक दिन हमें सफलता जरूर मिलेगी
- किसी एक क्षेत्र में पारंगत होने से बेहतर है, अपने कार्यक्षेत्र के चारों और कि जानकारी लेना। जैसे आप एक टीचर हैं तो आपको पढाई के व्यवहारिक प्रयोग की भी जानकारी होनी चाहिए। गणित के फार्मूले याद करने से ज्यादा महत्वपूर्ण है, उन फार्मूलों का वास्तविक जिंदगी में प्रयोग, जिससे आप खुद की और लोगों की समस्याएं बेहतर तरीके से सुलझा सकें।
- आप एक इंजीनियर हैं तो अपनी knowledge के अलावा, आपके आस पास और दुनिया भर में चल रही नई तकनीकों और काम करने के बेहतर तरीकों के बारे में जानकारी हासिल करें औऱ उसके अनुसार अपने तौर तरीकों में परिवर्तन करें
- परफेक्शनिस्ट होने से ज्यादा जरूरी है, शुरुआत करना। किसी भी काम को करने के लिए एक perfect टाइम और तरीके का इंतजार न करें, बल्कि जितनी भी जानकारी है, उस हिसाब से शुरुआत करें और धीरे धीरे सुधार करते रहें।
- कोई नॉकरी या व्यवसाय में विकास या ग्रोथ की जानकारी हासिल करें। बिना ग्रोथ के किसी काम को करना बेवकूफ़ी होता है।
- कामों को उनकी Importance के हिसाब से करना सीखें। बिना सोचे समझे मेहनत करने से कुछ खास हासिल नही होता है। बेहतर है अपने लक्ष्य का निर्धारण करना, और उसको हासिल करने के process पर ध्यान देना।
- अपनी आदतों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। हमारी आदतें ही वास्तव में हमारा जीवन होती हैं। इसलिए अच्छी आदतें बनाने पर ध्यान देना चाहिए औऱ बुरी आदतों को बदलना चाहिए।
- दूसरों की गलतियों से सीखें। बहुत सारे लोग बार बार गलती करते रहते हैं, जिससे उनकी पूरी जिंदगी उनको सुधारने में ही निकल जाती है। गलतियां लोन की तरह होती हैं, इसलिए इनको ज्यादा नहीं बढ़ाना चाहिए। 5 ऐसे सबक जो लोग देर से सीखते हैं।
- बड़े लोगों जैसे रत्न टाटा, वारेन बफ़ेट, बिल गेट्स के जीवन से सीखें।
- परिस्थितियों के हिसाब से रिस्क लेना भी बहुत जरूरी है। सोच समझकर लिए गया रिस्क, लम्बे समय बाद सन्तुष्टि प्रदान करता है।
https://hindireading.com/human-habits/how-to-change-habits-in-habits/
निष्कर्ष
आज की अस्थिर और तेजी से बदल रही दुनिया में आपके किताबी ज्ञान से व्यवहारिक ज्ञान ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसको बढ़ाने के कुछ सुझाव निम्न हैं
- पढाई के अलावा और भी चीजों के बारे में जानकारी हासिल करें
- पढाई के व्यवहारिक प्रयोग पर ध्यान दें
- नॉकरी के अलावा दूसरे आय के साधन विकसित करें
- अपनी आदतों पर ध्यान दें
- बुरी आदतों को जितना जल्दी हो, त्याग दें
- दूसरों की गलतियों से सीखें
- भावनाओं पर नियंत्रण रखना जरूरी है, और भावनाओं में बहकर कोई भी फैसला न करें
- गैर जरूरी कामों में अपना समय व्यर्थ न करें
- बड़े लोगों के जीवन से शिक्षा लें
- सही समय पर और सोच समझकर रिस्क लेना बहुत जरूरी है
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