Life lessons – रतन टाटा का जीवन परिचय
रतन नवल टाटा टाटा समुह के वर्तमान अध्यक्ष, जो भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक समूह है, जिसकी स्थापना जमशेदजी टाटा ने की और उनके परिवार की पीढियों ने इसका विस्तार किया और इसे दृढ़ बनाया।
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जन्म: 28 दिसंबर 1937 (आयु 82 वर्ष), सूरत
पूर्ण नाम: रतन नवल टाटा
व्यवसाय: टाटा समूह के निवर्तमान अध्यक्ष
माता-पिता: नवल टाटा (पिता) और सोनू टाटा (माँ)
शिक्षा: हार्वर्ड बिजनेस स्कूल (1975), कॉर्नेल विश्वविद्यालय (1959)

- रतन टाटा का मानना है कि आपके बारे में आपसे बेहतर और कोई नहीं जानता, इसलिए आप अपनी वर्तमान परिस्थिति और योग्यता को मद्येनजर रखते हुए अवसर का सही लाभ उठायें।
- रतन टाटा का मानना है कि आप जैसें भी हो उसे स्वीकार करने की ख़ुद के अंदर क्षमता पैदा करें। वास्तविकता में जीने की भरपूर कोशिश करें और जब तक आप ख़ुद पर भरोसा नहीं रखेंगें, जिंदगी की राह में कभी आगे नहीं बढ़ पाएंगे।
- रतन टाटा आज इतनी उंचाई तक पहुँचने के बाद भी बेहद विनम्र स्वाभाव के इंसान हैं और उनका मानना है कि विनम्रता मनुष्य के व्यक्तित्व का आभूषण है। विनम्रता न केवल हमारे व्यक्तित्व मे निखार लाती हैं , बल्कि कई बार हमारी सफलता का कारण भी बनती है।
- रतन टाटा को सबसे पहली नोकरी में टाटा स्टील के ब्लास्ट फर्नेस में कोयला और चूना पत्थर झोंकने का काम मिला था। लेकिन टाटा ने इस काम को पूरी दृढ़ता के साथ किया और आज कहाँ पहुँच गए यह हम सब के सामने है। रतन टाटा का हमेशा से मानना है कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता बस व्यक्ति उसे पूरी दृढ़ता के साथ और आनंदपूर्वक करना चाहिये। इतना ही नहीं जिंदगी की राह में कई बाधाओं का सामना डटकर करें उनसे दूर न भागें।
- रतन टाटा का मानना है कि हर व्यक्ति को हमेशा ऊँची मानसिकता रखनी चाहिए, वरना जिंदगी की राह में वो पीछे रह जायेंगें। जिस प्रकार लोहे को केवल खुद का जंग ही नष्ट कर सकता है, ठीक वैसे ही किसी व्यक्ति को उसकी अपनी मानसिकता के सिवा कोई नही हरा सकता।
- रतन टाटा के अनुसार ‘उस दिन जिस दिन मैं उड़ने के योग्य नहीं रहूंगा, वह दिन मेरे लिए सबसे मायूस दिन होगा”। इसलिए हमें हर दिन कुछ न कुछ करते रहना चहिये तभी आने वाले वक़्त में उसका नतीज़ा देखने को मिलेगा।
- रतन टाटा का मानना है कि हमें अपने आस-पास के लोगों के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने पर बल देना चाहिए। यदि आप एक व्यवसायी हैं तो अपने ग्राहकों को सबसे पहले विश्वास में लें। विश्वास दुनिया की सबसे बेशकीमती पूंजी है और यह मनुष्य को सफल होनें में बेहद कारगर सिद्ध हो सकती है।
- रतन टाटा के अनुसार हमें किसी के पीछे बिल्कुल भी नहीं भागना चाहिए, बर्शते हमें अन्य लोगों से कुछ अलग करने की कोशिश करनी चाहिए। तभी हम भीड़ से अलग रह पायेगें। हर व्यक्ति में कुछ विशेष गुण और प्रतिभा होती है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने अंदर मौजूद गुणों और प्रतिभा की पहचान करते हुए कुछ नया करने की कोशिश जारी रखनी चाहिए।
- रतन टाटा का मानना है की मुश्किल को बीच मे ना छोड़कर, उसे सफलतापूर्वक करके ही दम लो। कठिनाईयों से कभी दूर नहीं भागना चहिये, जहाँ संघर्ष है सफ़लता भी वहीं है।
- सफ़लता की कहानियां पढ़ें और उससे सीख लें। सफ़लता की कहानियां पढ़ने से मनुष्य के अंदर एक नई आशा का संचार होता है और उन्हें भी कुछ बड़ा करने की तमन्ना होती है।
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