यह भारत के Important days में सबसे महत्वपूर्ण है
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कब मनाया जाता है
हर साल 15 अगस्त को। इस बार का 74वां स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2020 को शनिवार के दिन मनाया जाएगा।
क्यों मनाया जाता है
भारतीय आज़ादी के दिन का उत्सव मनाने के लिए। यह दिन आज़ादी की लड़ाई के क्रांतिकारियों, नेताओं और लोगों के बलिदान को याद करने के लिए मनाया जाता है। 15 अगस्त 1947 को भारत ने लगभग 200 सालों की गुलामी के बाद, यूनाइटेड किंगडम (वर्तमान इंग्लैंड) से आज़ादी पाई थी।
18 जुलाई 1947 के दिन इंग्लैंड की संसद में भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम पारित किया गया। शुरुआत में इंग्लैंड के राजा किंग जॉर्ज 6 को भारतीय राज्य का सेनापति घोषित किया गया था। हालांकि 1950 में भारत का खुद का संविधान बनने के बाद सत्ता भारत की संसद के हाथों में आ गयी थी।
भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम क्या है
यह अधिनियम 18 जुलाई 1947 के दिन इंग्लैंड की संसद में पारित किया गया था। इस अधिनियम के तहत भारत को दो भागों में बाँट दिया गया था – भारत औऱ पाकिस्तान। फलस्वरूप 15 अगस्त 1947 को आज़ादी के साथ ही भारतीय राज्य को दो भागों में बांट दिया गया था। पाकिस्तान अपना स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त को मनाता है।
यह अधिनियम इंग्लैंड के प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली की 20 फरवरी 1947 की उस घोषणा का परिणाम था जिसमें उन्होंने भारत को अंग्रेजी साम्राज्य की गुलामी से मुक्त करने की बात कही थी।
भारत को स्वतंत्रता कैसे मिली
दूसरे विश्व युद्ध में दुनिया में लोकतांत्रिक ताकतों का उदय, इंग्लैंड को हुआ भारी भरकम नुकसान तथा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के कारण 15 अगस्त 1947 के दिन भारत आज़ाद हुआ।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम क्या था
यह भारत की आज़ादी के लिए किया गया संघर्ष था। इसकी अवधि 1857 – 1947 के बीच है। इस दौरान हज़ारों की संख्या में देशभगतों ने अपने जीवन का बलिदान दिया था। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को तीन हिस्सों में विभाजित किया जा सकता है।
1. पहला स्वतंत्रता संग्राम
पहला भारतीय स्वतंत्रता संग्राम 10 मई 1857 के दिन मेरठ से शुरू होकर यह संघर्ष 20 जून 1858 को ग्वालियर में भारतीयों की हार के साथ समाप्त हुआ। यह संघर्ष मुख्य रूप से उत्तरी भारत मे फैला हुआ था, जिसका नेतृत्व झांसी की रानी लक्ष्मी बाई, त्यांता टोपे, कंवर सिंह, बख़्त खान, राजा नाहर सिंह तथा बहुत सारे अन्य लोगों ने किया था।
2. मध्य स्वतंत्रता संग्राम
20वीं शताब्दी के प्रारम्भ में बंगाल से क्रांतिकारी आंदोलन की शुरुआत हुई। इसके शुत्रधार लाल, बाल, पाल, विपिन घोष आदि को माना जाता है। इस समूह का लक्ष्य हथियारों के प्रयोग से आज़ादी प्राप्त करना था औऱ इस समूह का फैलाव, बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, सँयुक्त राज्य (उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश) तक था। अप्रैल 1906 में इन लोगों ने जुगन्तर पार्टी की स्थापना की, जिसके कुछ लक्ष्यों को बाद में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भी अपनाया था।
3. अंतिम स्वतंत्रता संग्राम
1920 के प्रारंभ में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की बागडोर मोहन दास कर्मचन्द गांधी की हाथों में चली गयी। उस समय से कांग्रेस ने गांधी जी के विचारों अहिंसा और असहयोग के बलबूते पर आज़ादी के लिए संघर्ष जारी रखा। हालांकि इसके साथ साथ राष्ट्रवादी विचारधारा के क्रांतिकारी जैसे सुभाष चन्द्र बोस, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आज़ाद, सुखदेव आदि सब हथियारों के दम पर आज़ादी के पक्ष में थे। इसी कड़ी में सुभाष चन्द्र बोस जी ने 1942 में आज़ाद हिंद फौज का गठन किया, जिसका लक्ष्य भारत में पूर्ण स्वराज्य लाना था।
दूसरे विश्व युद्ध के समय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम अपने चरम पर था। जब भारत छोड़ो आंदोलन चलाया गया था, जिसमें भारत के लगभग हर वर्ग के लोगों ने हिस्सा लिया तथा जापान के साथ मिलकर आज़ाद हिंद फौज ने भी अंग्रेजी शाशन के खिलाफ अभियान छेड़ रखा था। परिणामस्वरूप 15 अगस्त 1947 को विभाजन के साथ ही भारत आज़ाद हो गया।
भारतीय स्वतंत्रता दिवस कैसे मनाया जाता है
इस दिन भारत के प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले पर तिरंगा झंडा फहराया जाता है। इस बार 74वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। इस दिन पूरे भारत में सरकारी अवकाश होता है। इसके साथ जगह जगह देशभक्ति गीत, ध्वजारोहण औऱ सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
भारतीय स्वतंत्रता दिवस प्रश्नोत्तरी
भारतीय स्वतंत्रता दिवस समारोह क्या है
इस दिन लाल किले पर भारत के प्रधानमंत्री द्वारा तिरंगा झंडा फहराने के साथ देश को सम्बोधित भी किया जाता है। इसके अलावा तीनों सेनाओं की परेड, अलग अलग राज्यों की झांकियां भी निकाली जाती हैं। कुछ स्कूल के बच्चों और NCC के द्वारा भी कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। कोरोना वायरस के कारण इस बार स्कूली बच्चों को कार्यक्रम में जाने की इजाजत नहीं दी गयी है। अलग अलग राज्य इस दिन अपने यहां हर क्षेत्र में उपलब्धियों के लिए लोगों को सम्मानित करते हैं।
भारत की आजादी का सच
भारत की आज़ादी पूरी तरह से सच्ची है। 18 जुलाई 1947 को ब्रिटिश संसद में भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम पारित होने के बाद भारत को एक स्वतंत्र अंग्रेजी साम्राज्य के रूप में मान्यता दी गयी थी। स्वतंत्र अंग्रेजी साम्राज्य वो देश थे जिन पर अंग्रेजों ने राज किया था और बाद में आज़ाद कर दिया। इसमें कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, श्री लंका, भारत जैसे देश शामिल थे। इस समूह को कॉमनवेल्थ समूह कहा जाता है औऱ आज इसके 54 देश सदस्य हैं। आखिरकार 26 जनवरी 1950 के दिन भारतीय संविधान की स्थापना के साथ ही राज का पूरा नियंत्रण भारतीय गणराज्य को स्थानांतरित हो गया।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम दिवस का इतिहास
1. महात्मा गांधी आज़ादी के दिन दिल्ली से हज़ारों किलोमीटर दूर बंगाल के नोआखली में थे, जहां वे हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए अनशन पर थे.
2. जवाहर लाल नेहरू ने ऐतिहासिक भाषण ‘ट्रिस्ट विद डेस्टनी’ 14 अगस्त की मध्यरात्रि को वायसराय लॉज (मौजूदा राष्ट्रपति भवन) से दिया था. तब नेहरू प्रधानमंत्री नहीं बने थे. इस भाषण को पूरी दुनिया ने सुना, लेकिन गांधी उस दिन नौ बजे सोने चले गए थे.
3. 15 अगस्त, 1947 को लॉर्ड माउंटबेटन को दोपहर में नेहरू जी ने अपने मंत्रिमंडल की सूची सौंपी और बाद में इंडिया गेट के पास प्रिसेंज गार्डेन में एक सभा को संबोधित किया.
4. हर स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय प्रधानमंत्री लाल किले से झंडा फहराते हैं. लेकिन 15 अगस्त, 1947 को ऐसा नहीं हुआ था. लोकसभा सचिवालय के एक शोध पत्र के मुताबिक नेहरू ने 16 अगस्त, 1947 को लाल किले से झंडा फहराया था.
5. भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन के प्रेस सचिव कैंपबेल जॉनसन के मुताबिक़ मित्र देश की सेना के सामने जापान के समर्पण की दूसरी वर्षगांठ 15 अगस्त को पड़ रही थी, इसी दिन भारत को आज़ाद करने का फ़ैसला हुआ.
6. 15 अगस्त तक भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा रेखा का निर्धारण नहीं हुआ था. इसका फ़ैसला 17 अगस्त को रेडक्लिफ लाइन की घोषणा से हुआ.
7. भारत 15 अगस्त को आज़ाद जरूर हो गया, लेकिन उसका अपना कोई राष्ट्र गान नहीं था. रवींद्रनाथ टैगोर जन-गण-मन 1911 में ही लिख चुके थे, लेकिन यह राष्ट्रगान 1950 में ही बन पाया.
8. 15 अगस्त भारत के अलावा तीन अन्य देशों का भी स्वतंत्रता दिवस है. दक्षिण कोरिया जापान से 15 अगस्त, 1945 को आज़ाद हुआ. ब्रिटेन से बहरीन 15 अगस्त, 1971 को और फ्रांस से कांगो 15 अगस्त, 1960 को आज़ाद हुआ.
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