Important days
विश्व रक्तदाता दिवस का इतिहास
यह दिन हर साल 14 जून को मनाया जाता है| यह दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन की 12 प्रकार के सामाजिक उत्थान के कार्यक्रमों का एक हिस्सा हैl यह दिन उस महान वैज्ञानिक जिन्होंने ब्लड ग्रुप की खोज की थी उनके सम्मान के रूप में भी मनाया जाता हैl सन 2005 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की विशेष बैठक में इस दिन को स्वेच्छा से रक्तदान करने वालों को धन्यवाद देने के दिन के रूप में आयोजित करने का निर्णय लिया गया थाl तब से हर साल 14 जून के दिन विश्व रक्त दिवस मनाया जाता है तथा पूरी दुनिया में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अलग अलग तरीके से जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस बार कोरोना वायरस महामारी के कारण सिर्फ डिजिटल रेलिया ही निकाली जाएंगी।
रक्तदान क्यों जरूरी है
शुद्ध और स्वच्छ रक्त नाना प्रकार के मुसीबतों जैसे दुर्घटनाएं, डिलीवरी, सर्जरी आदि के समय जीवन बचाने का एक साधन साबित हो सकता हैl इसलिए यह बहुत जरूरी है कि हम खुद के साथ-साथ दूसरों को भी स्वेच्छा से रक्तदान करने को प्रेरित करें तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस मुहिम में एक महत्वपूर्ण योगदान दें।
आज पूरी दुनिया का लगभग 70% रक्त विकसित देशों से ही मिलता है जबकि प्रयोग करने में उनका हिस्सा सिर्फ 5 से 7% ही है इसके विपरीत विकासशील और निम्नतम आय वाले देशों का हिस्सा रक्तदान में 43 प्रतिशत है जबकि विश्व की कुल जनसंख्या का लगभग 70% हिस्सा इन देशों में निवास करता हैl इसलिए विकासशील देश जैसे भारत में रक्तदान के प्रति जागरूकता की बहुत ज्यादा आवश्यकता हैl स्वेच्छा से रक्तदान करने वालों की संख्या भारत में 2006- 07 में 54% प्रतिशत से 2012-13 मैं 83% हो गयीl स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार 2016 में भारत में कुल 1.9 करोड़ लीटर रक्तदान किया गया जोकि जरूरत के हिसाब से लगभग 20 लाख लीटर कम हैl इन आंकड़ों को देखते हुए हम बड़ी आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं की भारत जैसे देश जहां स्वास्थ्य की सुविधाओं में अभी भी बहुत सुधार की जरूरत है वहां स्वेच्छा से रक्तदान करने वालों की बहुत ज्यादा आवश्यकता है।
कौन रक्तदान कर सकता है
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने रक्तदान करने के लिए कुछ आधारभूत नियम बनाए हैं। जो भी व्यक्ति इन नियमों पर खरा उतरता है वह रक्तदान कर सकता है।
- रक्तदान करने वाला स्वस्थ होना चाहिए तथा उसे कोई फैलने वाली बीमारी नहीं होनी चाहिये
- रक्तदाता की उम्र 18 से 65 तथा वजन कम से कम 50 किलोग्राम होना चाहिए
- रक्तदाता की pulse rate बिना अनियमितताओं के 50 से 100 के बीच में होनी चाहिए
- हिमोग्लोबिन 12.5g/dL से कम नहीं होना चाहिए
- शरीर का तापमान 37.5 डिग्री सेल्सियस तथा ब्लड प्रेशर 100 से 180mm Hg होना चाहिए
- एक रक्तदान से दूसरे के बीच में कम से कम 3 महीने का अंतर बहुत जरूरी है
किसको रक्तदान नहीं करना चाहिए
- जिस इंसान को HIV पॉजिटिव हो
- कुछ बीमारियां जैसे हृदय, किडनी, उच्च रक्तचाप, हाइपरटेंशन, cancer तथा हाई शुगर में रक्त दान नहीं करना चाहिये
- गर्भवती तथा बच्चे को दूध पिलाने वाली महिलाओं को रक्तदान से परहेज जरूरी है
- जिसका रेबीज का इलाज हुआ हो तथा हेपेटाइटिस बी का इंजेक्शन लिए हुए 6 महीने से कम हुए हैं
- जिस इंसान का पिछले 1 महीने में कोई बड़ा ऑपरेशन हुआ है या कोई दांतो से संबंधित ऑपरेशन हुआ है उनको भी रक्तदान ना करने की सलाह दी जाती है
- जिन महिलाओं को पिछले 6 महीने में कोई गर्भ की समस्या हुई हो
- जिस इंसान ने पिछले 24 घंटे में अल्कोहल तथा अन्य कोई नशीले पदार्थ का सेवन किया हो ऐसे इंसान को भी रक्त दान नहीं करना चाहिए
विश्व विश्व रक्तदाता दिवस की थीम 2021
Give Blood and keep the world beating.
रक्तदान कीजिए और दुनिया को जिंदा रखिए
रक्तदान के लाभ
अगर रक्तदान से पहले ऊपर लिखी गई सावधानियां बरती जाएं तो रक्तदाता के लिए यह एक लाभदायक घटना साबित हो सकती हैl रक्तदान से होने वाले कुछ फायदे इस प्रकार हैं:
- हृदय और लीवर की बीमारियों में रक्तदान से बहुत कमी देखने को मिलती हैl जब भी हमारे रक्त में आयरन की मात्रा अधिक हो जाती है तो वह है हृदय तथा लीवर में जमा होना शुरू हो जाता है। रक्तदान से हम इस समस्या को जड़ से खत्म कर सकते हैं।
- एक बार के रक्तदान में हम लगभग 8 से 9% रक्त दान कर देते हैं जोकि लगभग 48 घंटे में पूरा हो जाता है। इस नए रक्त निर्माण से हमारे बोन मैरो में नई लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण होता है जोकि बीमारियों से लड़ने में ज्यादा सक्षम होती हैं इसलिए रक्तदान के बाद हमारे शरीर का ऊर्जा का स्तर बहुत अच्छा रहता है।
- किसी की जिंदगी बचाने से बेहतर इस दुनिया में कोई काम नहीं हो सकता और रक्तदान से हम कम से कम एक जिंदगी बचा सकते हैं जिससे कि हमें अपने बारे में अच्छा महसूस होता है जो कि हमारी मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने में बहुत मददगार होता है। इसके अलावा भी रक्तदान से वजन कम करना और शरीर की संपूर्ण स्थिति को सुधारने जैसे लाभ होते हैं। इसलिए हमें साल में कम से कम दो बार रक्तदान अवश्य करना चाहिए।
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