गहरी नींद के आसान उपाय How to sleep, sleeping
नींद क्या होती है
नींद एक ऐसी अवस्था है, जब शरीर की मूलभूत क्रियाओं जैसे सांस, पाचन, ह्रदय गति को छोड़कर शरीर की सारी प्रक्रियाएँ रुक जाती हैं।
हालांकि इनके अलावा भी हमारा दिमाग औऱ मासंपेशियां भी काम करती रहती हैं। नींद के दौरान ही दिन में काम करते समय टूटी हुई मांसपेशियों की मरम्मत होती है तथा दिन में सीखी हुई और देखी हुई जानकारियां दिमाग में Store होती हैं।
अनिद्रा का हमेशा के लिए इलाज
1. सोने से 4 से 5 घण्टे पहले तक चाय कॉफी न पिएं
चाय औऱ कॉफी में Caffeine होता है। यह पदार्थ नींद के लिए जरूरी harmone Melatonin के स्त्राव को बाधित करता है।, जिससे हमें सोने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। एक बार शरीर मे Caffeine जाने पर उसे पूरी तरह से बाहर निकलने में 4 से 6 घण्टे का समय लग सकता है। हालांकि यह सब आपके पाचन तंत्र औऱ Caffeine की मात्रा पर निर्भर करता है।
2. Time Table fix करें
यह एक ऐसा उपाय है जो सबसे जरूरी है। हमारे शरीर की एक Biological Clock होती है, जिसको Circadian rthythm कहा जाता है। यही वह clock है जो हमारे शरीर में sleeping और जागने के समय का निर्धारण करती है।
जब हम बार इस clock के साथ बार बार छेडखानी करते हैं, तो यह disturb हो जाती है। फलस्वरूप हमें काम करने के time नींद आती है औऱ सोने के time नींद नहीं आती है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि sleeping habit का सही ढंग से पालन किया जाए। बेसक कोई भी दिन हो, हमें हर रोज़ एक ही समय पर सोने की ओर जागने की कोशिश करनी चाहिए।
3. सोने के स्थान का निर्धारण
Sleeping स्थान आरामदायक होना चाहिए। उसमें किसी प्रकार की बदबू या कोई ऐसी चीज नहीं होनी चाहिए। अगर temperature control सम्भव नहीं हो तो, और तरीकों से नियंत्रित करने की कोशिश करनी चाहिए। सोते समय light कम से कम होनी चाहिए। क्योंकि शरीर की biological clock को अंधेरे में सोने की आदत होती है।
इसके अतिरिक्त सोने के बिस्तर पर सिर्फ सोते समय ही लेटना चाहिए, ताकि हमारे शरीर को इसका पता चल सके। दिन में आराम करने के लिए दूसरी जगह का प्रयोग करें।
4. TV, mobile का प्रयोग सोते समय नहीं करना चाहिए
TV और मोबाइल की screens से निकलने वाली light की किरणें हमारे दिमाग और आँखों को शुकुन से नहीं रहने देती। फलस्वरूप हमें sleeping के समय थकावट की जगह एक ऊर्जा का अनुभव होता है, जो नींद में बाधक है। वास्तव में यह ऊर्जा हमारी आंखों द्वारा देखी गयी light की वजह से होती है। इसलिए सोने से कम से कम आधा घण्टे पहले मोबाइल औऱ TV का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
5. पढाई की आदत डालें, एक्सरसाइज करें
हमारे दिमाग को मुश्किल काम करना पसंद नहीं होते, इसलिए ये काम करने से यह बहुत जल्दी bore हो जाता है। यदि हम सोते समय कोई किताब पढ़ते हैं, तो नींद आने की अधिक सम्भावना होती है। लेकिन ध्यान रहे कि पढाई screen से नहीं अपितु किसी कागज की किताब से करनी है।
इसके अलावा एक्सरसाइज से शरीर का स्वास्थ्य ठीक होता है, जो अच्छी नींद आने में सहायक होता है। योग और प्राणायाम या मेडिटेशन करने से भी दिमाग तनाव से मुक्त होता है, जो अच्छी नींद आने में सहायक है।
6. सोने से पहले मनपसंद काम करें
हमारी पसन्द का कोई काम करने से भी हमें अच्छी नींद आती है। पर याद रहे वह काम हमें सच मे पसन्द होना चाहिए। जैसे किसी family member से बात कर सकते हैं, अपना मनपसंद music सुन सकते हैं, बच्चों के साथ खेल सकते हैं।
उपरोक्त काम आज से लगभग 10 साल पहले normal होते थे, लेकिन टेक्नोलॉजी की वजह से हम ये काम भूल चुके हैं। शायद शुरुआत में ये काम करने हमें अच्छे भी न लगें, लेकिन routine बनने के बाद हमारा दिमाग अपने आप आदि हो जाता है।
सवाल जवाब
एक इंसान को कितने घण्टे सोना चाहिए
14 साल से बड़े इंसान को 7.5 से 8 घण्टे, 6 साल से 13 साल के इंसान को 8 से 9 घण्टे, 2 साल से 5 साल तक के बच्चे को 9-10 घण्टे, 2 साल से छोटे बच्चे 12 घण्टे से 18 घण्टे तक सोते हैं।
क्या नींद की जरूरत उम्र की हिसाब से कम हो जाती है
जन्म से लेकर 14 साल तक नींद की जरूरत घटती रहती है। किंतु 14 साल से मौत तक 7.5 से 8 घण्टे की नीदं बहुत जरूरी होती है।
क्या Sleeping peels लेना सही है
बिल्कुल नहीं। बल्कि नींद की गोलियों को सरकार द्वारा प्रतिबंधित किया गया है। सिर्फ डॉक्टर के कहने पर ही ये दवाइयां मिल सकती हैं।
मुझे नींद में सपने आते हैं, क्या ये सही हैं?
नींद मुख्य रूप से 2 प्रकार की होती है। NREM (Non rapid eye movement) और REM (Rapid eye movement)। सपने हमें REM sleep के दौरान आते हैं। लेकिन शुकुन की बात यह है कि दोनों ही प्रकार की नींद हमारे लिए महत्वपूर्ण होती है। इसलिए सपने आना कोई बुरी बात नहीं है।
मुझे नींद में paralysis जैसा क्यों मसहूस होता है
हमें REM sleep में सपने आते हैं, जिसमें कई तरह की भावनाएं आती हैं, जिनपे हमारा शरीर प्रतिकियाएँ कर सकता है। इसलिए हमारा दिमाग सपनों के दौरान हाथ, पैर, पेट, सिर, कंधे इन सबकी movement को बंद कर देता है, और हमें paralysis का अनुभव होता है। वास्तव में ये सब हमारी सुरक्षा के लिए प्रकृति ने हमे वरदान दिया है औऱ इसमें कोई बुराई नहीं है।
मुझे कम सोने पर कोई परेशानी नहीं होती, तो क्या मुझे कम नींद की जरूरत नहीं है
यह कहावत समाज में बहुत पहले से व्याप्त है। लेकिन जब लोग रात को सिर्फ 5 से 6 घण्टे सोते थे, तो वो दिन में भी 2 से 3 घण्टे जरूर सोते थे। लेकिन आज की आधुनिक दुनिया ने सिर्फ रात की नीदं को अपना लिया है और कम नींद में ही काम कर रहे हैं। हो सकता है, आपको महसूस न हो रहा हो,लेकिन आपकी memory loss हो गयी होगी, खुश रहने में परेशानी होती होगी, तनाव औऱ गुस्सा ज्यादा होता होगा आदि। ये सब लक्षण कम नींद के होते हैं। इसलिऐ आप कोई भी हो, कुछ भी काम करते हो 7.5 घण्टे से कम नींद बहुत हानिकारक है।
क्या sleeping से बार बार उठना सही है
एक sleeping cycle 90 मिनट से 120 मिनट का होता है। इसलिए हर 2 घण्टे बाद उठना बिल्कुल normal होता है। हालांकि इससे कम समय मे बार उठना हानिकारक है और sleeping disorder का संकेत हो सकता है।
Sleeping का सही तरीका क्या है
इंसान 8 घण्टे की नींद कम से कम 2 बार पूरी करने के लिए बने हैं। हालांकि आधुनिक दुनिया में यह सब सम्भव नहीं हो पाता। इसलिय एक बार में 7.5 से 8 घण्टे की नींद भी जरूरत को पूरी कर सकती है।
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