Low Emotional Intelligence Symptoms – 10 संकेत

10 ऐसे व्यवहारिक संकेत, जो भावनाओं के अनियंत्रित होने पर दिखाई देते हैं

अपनी भावनाओं को जड़ से जान लेना और उनको परिस्थितियों के हिसाब से नियंत्रित कर लेने की क्षमता को ही भावनात्मक बुद्धिमत्ता कहा जाता है।

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भावनात्मक बुद्धिमत्ता क्या होती है

हमारे जीवन के हर पहलू में सफल होने तथा एक खुशहाल जीवन के लिए हमारी भावनाओं का नियंत्रण में होना बहुत जरूरी होता है।

भावनात्मक बुद्धिमत्ता क्यों जरूरी है

भावनात्मक बुद्धिमत्ता का स्तर

एक औसत EQ स्कोर 90-100 तक होता है, जिसमें 160 का स्कोर सबसे ज्यादा होता है। जिनका EQ स्कोर औसत से कम है, उन लोगों को अपनी भावनात्मक बुद्धिमत्ता बढ़ानी चाहिये।

अपना EQ स्कोर जानने के लिए यहां क्लिक करें। इसमें आपको एक टेस्ट देना होता है, और आपके जवाब के आधार पर एक स्कोर दिया जाता है।

यदि आपका स्कोर 160 से कम है तो उसमें सुधार की गुंजाइश है। इस स्कोर के अलावा भी बहुत सारी ऐसी अवस्थाऐं हैं, जो आपको अपनी भावनाओं में सुधार के संकेत देती हैं। 10 symptoms of low Emotional Intelligence:

1. आसानी से तनाव में आना

तनाव जिंदगी का एक हिस्सा होता है, परन्तु हर छोटी बात से तनाव आना, नकारात्मक होता है। आसानी से तनाव में आने का मतलब, जब आपकी दिनचर्या में थोड़ा सा परिवर्तन हो जाये, जैसे आपको रात को देर से नींद आये, आपकी क्रिकेट टीम मैच हार जाए, या आपके पसंदीदा हीरो की कोई फ़िल्म फ्लॉप हो जाये, या आपके दोस्त और रिश्तेदार आपको थोड़ा सा इग्नोर करदे। ये ऐसी बातें हैं, जो तनाव लेने लायक नहीं हैं, लेकिन फिर भी अगर आपको ये तनावग्रस्त कर देती हैं, तो इसका मतलब है, आपकी भावनाओं पर आपका नियंत्रण नही है।

2. विभिन्न भावनाओं में अंतर न कर पाना

इंसानो में 27 प्रकार की भावनाएं होती हैं। हालांकि कम भावनात्मक बुद्धि वाले व्यक्ति को इन भावनाओं में फर्क नहींं पता चलता है। कई लोग खुद को “बुरा” महसूस होना बोलते हैं, लेकिन भावनात्मक रूप से बुद्धिमान लोग सटीक तरीके से यह बता सकते हैं कि वे चिड़चिड़ापन, निराशा, ईर्ष्या या चिंता महसूस कर रहे हैं। शोध से पता चलता है कि केवल 36% लोग ही विभिन्न भावनाओं में सही तरीके से भेद कर सकते हैं।

3. खुद को साबित करने में परेशानी

ज्यादातर लोग किसी अप्रिय घटना या झगड़े की सूरत में या तो आक्रामक हो जाते हैं या बिल्कुल शांत। दोनों ही तरीके कम भावनात्मक बुद्धि के संकेत हैं। जबकि ऊंचे EQ वाले लोग सहानुभूति, दयालुता और अच्छे चाल चलन का संतुलन बनाये रखते हैं तथा एक दायरा स्थापित करते हैं। यही योग्यता उनको बिना बात के झगड़ों और अनचाहे संघर्ष से दूर रखती है।

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4. जल्दी गुस्सा आना या निराश हो जाना

क्योंकि कम EQ वाले लोग अपने लिए ओर दूसरों के लिए दायरा परिभाषित नही कर पाते हैं, इसलिये बार बार वो झगड़ो में पड़ते रहते हैं। जिससे ये क्रम धीरे धीरे बढ़ता रहता है। इसी कारण आप जल्दी गुस्सा होना या निराश होना शुरू कर देते हैं। यह भी कम EQ का एक संकेत है।

इसका दूसरा पहलू ये भी है कि कई लोग बिल्कुल ही गुस्सा करना बंद कर देते हैं। यह भी आपके लिए ठीक नहीं है। भावनाएं व्यक्त करने के लिए होती हैं लेकिन परिस्थितियों के हिसाब से।

5. आपको बार बार गलत समझ लिया जाता है

भावनाओं पर नियंत्रण न होने की वजह से आप बार बार आत्म नियंत्रण खो देते हो, जिसकी वजह से लोग सही होने पर भी आपके लिए गक्त धारणाएं बना लेते हैं। इसका नतीजा यह निकलता है कि आप जब सही बात के लिए भी लड़ते हैं तो भी आपकी प्रतिक्रिया आपको बुरा साबित कर देती है। और जैसा कि पहले बताया जा चुका है, प्रतिक्रियाएं भावनाओं की देन हैं।

6. कल्पनाएं करना और उनको सही साबित करने की कोशिश करना

जिन लोगों में EQ की कमी होती है वे जल्दी से एक राय बनाते हैं और फिर हर परिस्थिति में उसको सही साबित करने की कोशिश करते हैं। वे केवल वही सबूत देखते हैं जो उनकी राय का समर्थन करते हैं और इसके विपरीत किसी भी सबूत की अनदेखी करते हैं। वे इसका समर्थन करने के लिए बहस करते हैं, और प्रचार करते हैं। यह ऊपर बैठे लोगों और नेताओं के लिए विशेष रूप से खतरनाक है, क्योंकि उनके विचार पूरी टीम की रणनीति बन जाते हैं। ऐसे गलत विचार पूरी संस्था या पूरे देश के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं, जहाँ ये लोग लाखों या करोडों लोगों प्रभावित करते हैं।

7. गलतियां और शिकायतें ना भूल पाना

जिन्दगी में गलतियां ओर शिकायतें सबको होती हैं। लेकिन कम EQ वाले लोग इनको कभी भूलकर आगे नही बढ़ पाते हैं। ये लोग बार बार पुरानी गलतियों और अपनी शिकायतों को याद करते रहते हैं, जो तनाव का एक मुख्य कारण बनती है। वास्तव में एमोरी यूनिवर्सिटी में हुए शोध में यह साबित हो चुका है कि लंबे समय तक तनाव उच्च रक्तचाप और हृदय की बीमारियों का मुख्य कारण है।

जब तक कोई खतरा सच में नही है, उसके बारे मे सोचना कम EQ का संकेत है। इसके विपरीत उच्च भावनात्मक बुद्धिमत्ता वाले लोग गलतियों को भूलना जानते हैं और अपने दिमाग को बेकार के तनाव से मुक्त रखते हैं।

8. अपने दुखों के लिए दूसरों को दोष देना

शायद इस दुनिया का सबसे आसान काम दूसरी को दोष देना है। औऱ सबसे मुश्किल काम खुद को बदलना। कम EQ वाले लोग अपने हर बुरे वक्त के लिए दूसरों में दोष ढूंढ लेते हैं, और हमेशा अपने लिए ज़िम्मेदारी लेने से भागते रहते हैं। ये सच है कि कई बार हमारी परेशानी दूसरे लोगों की वजह से होती हैं, लेकिन उसमें भी हमारी भूल होती है जो दूसरे लोगों को हमे परेशान करने का मौका देती है। बुद्धिमान लोग ये बात जानते हैं और अपना भविष्य कभी भी दूसरों या किस्मत के भरोसे नही छोड़ते हैं। ताकि उनको बाद में दुसरो को दोष न देना पड़े।

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9. ईर्ष्या भाव रखना और हर काम मे दोष ढूंढना

सही तरीके आलोचना करना एक अच्छी आदत है। लेकिन यह आलोचना अगर ईर्ष्या भाव से की गई है तो ये कम EQ का एक संकेत है। भावनात्मक रूप से कमजोर लोग हर अच्छे काम मे दोष ढूंढते हैं और उसको नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं। इस प्रकार उनकी सारी ऊर्जा व्यर्थ के कामों में खर्च होती रहती है और वो लोग कुछ अच्छा नही कर पाते। दूसरों की सफलता के लिए ईर्ष्या भाव रखना भी गलत होता है। ईर्ष्या से हमारे स्वास्थ्य पर बहुत बुरे प्रभाव पड़ते हैं।

10. बाध्यकारी व्यवहार Compulsive Behaviour

भावनाओं के ग्रस्त व्यक्ति बाध्यकारी व्यवहार करता है। जैसे बहुत ज्यादा टेलीविजन देखना, मोबाइल फोन प्रयोग करना, सुबह देर से उठना, भूख से ज्यादा खाना, सेक्स के प्रति लालसा, जल्दी गुस्सा आना, जल्दी निराश हो जाना, नशा करना आदि। वह अगर चाहे भी तो इन सबको नियंत्रित नही कर पाता और बार बार ये काम करने के बाद खुद को कोसता है। हालांकि ये सब भावनाएं एक नॉर्मल इंसान में भी होती हैं, लेकिन साधारण इंसान इनको करने के बाद पछतावा नही करता।

इसलिए जो काम करने के बाद आपको पछतावा करना पड़े, समझ लेना चाहिए वह काम आपने भावनाओं में बहकर किया है।

निष्कर्ष

भावनात्मक बुद्धिमत्ता का स्तर जाँचने के लिए एक स्पेशल टेस्ट होता है, जो आपको 160 तक के परिणाम देता है। 90 – 100 का स्तर एक औसत स्तर होता है। हालांकि अलग अलग परिस्थितियों और कामों के हिसाब से भावनात्मक बुद्धिमत्ता की जरूरत बदलती रहती है, इसलिए हर स्तर में सुधार की गुंजाइश होती है। इसके अलावा भी बहुत सारे ऐसे संकेत हैं जो आपकी भवनात्मक बुद्धिमत्ता का स्तर दर्शाते हैं, उनमे से महत्वपूर्ण संकेतो का विवरण यहाँ किया गया है।

सवाल जवाब

क्या इमोशनल Intelligence, IQ से बेहतर है

IQ हमारी तार्किक योग्यता को दर्शाता है। यह आपको college में दाखिला दिलवा सकता है, पर इमोशनल Intelligence आपको तनाव की स्थिति में correct फैसले लेने में सहायक है। अगर आप बेहतर फैसले नहीं कर सकते तो, आपका IQ आपकी मदद नहीं कर सकता।

क्या Emotional Intelligence को जांचने का कोई टेस्ट है

EQ को चैक करने के लिए, अलग अलग टेस्ट बनाये गये हैं। यह टेस्ट आपको 160 तक का स्कोर देते हैं। हालांकि औसत EQ स्कोर के लिए अब तक ढंग से निर्धारित नही किया गया है। फिर भी 90 तक का स्कोर औसत माना जाता है। इसके अलावा भी ऊपर लिखे गए कुछ संकेत हैं, जो सुधार की जरुरत को दर्शाते हैं।

Comments

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