कोरोना वायरस शरीर में कैसे घुसता है
Coronavirus आंख, नाक, मुँह और कान द्वारा हमारे शरीर मे प्रवेश करता है। उसके बाद यह गले से होता हुआ, श्वास नली (तरोंकीया) से होता हुआ फेफडों में पँहुच जाता है। गले में घुसने के कारण हमें खरास और दर्द की शिकायत होती है।

फेफड़ों में दोनों साइड दो बड़ी ब्रोंकिस होती हैं तथा उनसे जुड़ी हुई ब्रोंकियाल। हर ब्रोंकियाल के अंत में छोटी छोटी अल्वेली होती हैं। अल्वेली ही वो जगह है जहाँ ऑक्सीजन और कार्बन डाई ऑक्साइड का स्थानांतरण होता है। बाहर की ऑक्सीजन शरीर के दूसरे हिस्सों में जाती है और कार्बन डाई ऑक्साइड शरीर से बाहर भेजी जाती है।

कोरोना वायरस शरीर में कैसे फ़ैलता है
COVID-19 वायरस का स्पाइक प्रोटीन हमारे फेफडों की कोशिकाओं के ace 2 receptor पर जाकर लॉक हो जाता है और कोशिका के अंदर घुसकर उसको अपने नियंत्रण में ले लेता है। वायरस का RNA हमारी कोशिका को अपने बहुत सारे रूप बनाने के लिए बाध्य करता है।
फलस्वरूप हमारी कोशिका कोरोना वायरस बनाने लग जाती है।औऱ बहुत ज्यादा संख्या में वायरस बनाने से कोशिका का आवरण फट जाता है। इसी प्रकार वायरस अलग अलग कोशिकाओं पर नियंत्रण करके अपनी संख्या कई गुणा बढा लेता है।

कोरोना वायरस का incubation period
इस संख्या बढ़ाने के समय को ही Incubation period बोला जाता है। यह लगभग 2 से 10 दिन के बीच हो सकता है। इस समय के दौरान इंसान में कोई लक्षण भी दिखाई नहीं देते हैं लेकिन उसके शरीर मे कोरोना वायरस होने की वजह से वह दूसरे लोगों को संक्रमित कर सकता है।
शरीर कोरोना वायरस से कैसे लड़ता है
Incubation period के दौरान ही शरीर कोरोना वायरस से लड़ने की कोशिश करता है। सबसे पहले शरीर का प्राथमिक रक्षा तंत्र वायरस पर हमला करता है। इसी इम्यून सिस्टम के एक्टिवेट होने से शरीर मे कोरोना वायरस से लड़ाई होती है। इसी लड़ाई की वजह से हमें खांसी और बुखार जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। वास्तव में खांसी और बुखार कोई बीमारी नहीं अपितु शरीर के रक्षा तंत्र की प्रतिक्रियाएं हैं।

शरीर में प्राथमिक रक्षा तंत्र के अलावा दूसरा एक बेहतर इम्यून सिस्टम होता है, जो वायरस की पहचान करके उसके हिसाब से antigen बनाता है।

यही वह सिस्टम है जो कोरोना वायरस से शरीर को ठीक करता है। ये antigen कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन से जुड़ जाते हैं, जिसके कारण वायरस हमारी कोशिकाओं के ace 2 receptor से नही जुड़ पाता तथा कोशिका के अंदर प्रवेश नही कर सकता। फलस्वरूप कोरोना वायरस की वृद्धि रुक जाती है और कुछ दिनों में ही बचे हुए वायरस शरीर के प्राथमिक रक्षा तंत्र द्वारा खत्म कर दिए जाते हैं।
लेकिन जिसका रक्षा तंत्र इतना मजबूत नहीं है, वो पर्याप्त मात्रा में या सही समय पर antigen नही बना पाता। फलस्वरूप कोरोना वायरस की संख्या बढ़ती रहती है और अंत मे रोगी की मौत भी हो जाती है।
Comments