कोरोना वायरस क्या है

Coronavirus क्या है

यह कोरोना वायरस (COV’s) समूह का एक वायरस है जो जानवरों और इंसानों में सामान्य तौर पर पाए जाते हैं। यह वायरस 7 प्रकार के कोरोना वायरस में से एक प्रकार है जो इंसानों में सामान्य सर्दी जुकाम जैसी बीमारियों के लिए जिम्मेदार होते हैं। 

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कोरोना वायरस कैसा दिखता है

COVs (कोरोना वायरस का सांकेतिक नाम) सकारात्मक तरीके से फंसे हुए RNA होते हैं। RNA – Rebonucliec Acid कोशिकीय प्रोटीन का syntesis करता है और एक जीव की अनुवांशिक जानकारी को संग्रहित करके इंसानों में पाए जाने वाले DNA की तरह कुछ जीवाणुओं में अनुवांशिक कोडिंग का काम करता है। कोरोना वायरस एक डायमंड की तरह दिखता है, जिसमें सतह पर glycoprotien की कीलें होती हैं।

कोरोना वायरस का 3D फोटो। जिसमे लाल उभार Glycoprotien या Spike प्रोटीन हैं। स्लेटी रंग का आवरण है जिसके अंदर RNA होता है। RNA में ही खुद की संख्या बढ़ाने के कोड होते हैं, जो हमारी कोशिकाओं के साथ जुड़कर उसको अपने नियंत्रण में ले लेते हैं।

कोरोना वायरस के प्रकार

COVs को मुख्य रूप से चार भागों में विभाजित किया जा सकता है

  1. अल्फा कोरोना वायरस (Alpha CoV)
  2. बीटा कोरोना वायरस (Beta CoV)
  3. गामा कोरोना वायरस (Gamma CoV)
  4. डेल्टा कोरोना वायरस (Delta CoV)

Covid-19 कोरोना वायरस Beta CoV श्रेणी का वायरस है जो गोल, अंडाकार होते हैं।

कोरोना वायरस का साइज

कोरोना वायरस का आकार 60 – 140 nm (नैनोमीटर) होता है। इंसानी बाल की चौड़ाई 80000-100000 नैनोमीटर होती है। तुलनात्मक तरीके से देखा जाए तो एक थूक की बूंद में 20 लाख कोरोना वायरस हो सकते हैं। और एक बार छींकने पर करीब 3 हज़ार ऐसी थूक की बूंदे हवा में निकलती हैं।

वास्तविक कोरोना वायरस, इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप से देखा गया

COVID-19 क्या है

दिसम्बर 2019 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन के वुहान शहर में एक नए कोरोना वायरस का पता लगाया, जिसको SARS CoV-2 नाम दिया गया तथा इससे होने वाली बीमारी को COVID-19 (साल 2019 के कारण) नाम दिया गया था।

क्या और भी कोरोना वायरस होते हैं

हां। इंसानो में फैलने वाले रोग जैसे सर्दी, खांसी, ज़ुकाम आदि सब कोरोना वायरस की वजह से ही होते हैं। मध्य एशिया में फैला हुआ रोग MERS (Middle East respiratory syndrome) और SARS (Sudden acute respiratory syndrome) बीमारियां भी एक कोरोना वायरस की वजह से ही फैली थीं।

COVID-19 कैसे फैलता है

कोरोना वायरस कैसे फ़ैलता है

कोरोना वायरस शरीर के अंदर पैदा नहीं हो सकता। यह किसी संक्रमित आदमी के सम्पर्क में आने या किसी संक्रमित जगह को छूने और उन्ही हाथों से अपने आंख, नाक या मुँह को छूने से हमारे अंदर प्रवेश करता है। कोरोना वायरस के फैलने के दो मुख्य स्त्रोत हैं:

  • संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से
  • संक्रमित वस्तुओं को छूने से
संक्रमित और स्वस्थ इंसान के बीच मे 1 मीटर से ज्यादा का फासला

इसी प्रकार जब हम किसी संक्रमित वस्तु को छूते हैं, तो वायरल हमारे हाथों से चिपक जाते हैं। औऱ जब उन्ही संक्रमित हाथों से अपने नाक, कान, आंख या मुँह को छूते हैं, तो वायरस हमारे अंदर प्रवेश कर जाते हैं।

कोरोना वायरस शरीर में कैसे हमला करता है

कोरोना वायरस आंख, नाक, मुँह और कान द्वारा हमारे शरीर मे प्रवेश करता है। उसके बाद यह गले से होता हुआ, श्वास नली (तरोंकीया) से होता हुआ फेफडों में पँहुच जाता है। गले में घुसने के कारण हमें खरास और दर्द की शिकायत होती है। 

फेफड़ों में दोनों साइड दो बड़ी ब्रोंकिस होती हैं तथा उनसे जुड़ी हुई ब्रोंकियाल। हर ब्रोंकियाल के अंत में छोटी छोटी अल्वेली होती हैं। अल्वेली ही वो जगह है जहाँ ऑक्सीजन और कार्बन डाई ऑक्साइड का स्थानांतरण होता है।

इंसानी फेफड़े और उसके भाग

कोरोना वायरस शरीर में कैसे फ़ैलता है

COVID-19 वायरस का स्पाइक प्रोटीन हमारे फेफडों की कोशिकाओं के ace 2 receptor पर जाकर लॉक हो जाता है और कोशिका के अंदर घुसकर उसको अपने नियंत्रण में ले लेता है। वायरस का RNA हमारी कोशिका को अपने बहुत सारे रूप बनाने के लिए बाध्य करता है।

कोरोना वायरस का incubation period

इस संख्या बढ़ाने के समय को ही Incubation period बोला जाता है। यह लगभग 2 से 10 दिन के बीच हो सकता है। इस समय के दौरान इंसान में कोई लक्षण भी दिखाई नहीं देते हैं लेकिन उसके शरीर मे कोरोना वायरस होने की वजह से वह दूसरे लोगों को संक्रमित कर सकता है।

शरीर कोरोना वायरस से कैसे लड़ता है

शरीर का प्राथमिक रक्षा तंत्र कोरोना वायरस के घुसते ही उसे हमला कर देता है। रक्षा तंत्र और वायरस की इस लड़ाई की वजह से ही हमें बुखार और खांसी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसके बाद शरीर का उन्नत रक्षा तंत्र कोरोना वायरस की पहचान करके उसके खिलाफ एंटीबॉडीज बनाता है। ये एंटीबॉडीज कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन को बंद कर देते हैं, जिससे वायरस की संख्या बढ़नी रुक जाती है। तथा बचे हुए वायरस को शरीर का रक्षा तंत्र खत्म कर देता है। इस पूरी प्रक्रिया में 7 से 21 दिन का समय लग सकता है। कोरोना वायरस और शरीर की लड़ाई की सम्पूर्ण जानकारी

कोरोना वायरस के लक्षण क्या हैं

अलग अलग इंसानों में कोरोना वायरस के लक्षण भिन्न भिन्न हो सकते हैं। आंकड़ों के अनुसार 80% मरीजों में सामान्य लक्षण होते हैं, जो किसी सर्दी जुकाम के दौरान भी होते हैं:

  1. सुखी खांसी
  2. हल्का बुखार
  3. थकावट
  4. मासंपेशियों में दर्द
  5. सिरदर्द
  6. स्वाद और सूंघने की शक्ति में कमी

20% लोगों में ये लक्षण होते हैं

  1. तेज बुखार
  2. सांस लेने में कठिनाई
  3. न्यूमोनिया

5% लोगों में निम्नलिखित लक्षण होते हैं

  1. सीने में दर्द
  2. जानलेवा निमोनिया
  3. छींके
  4. नाक बहना
  5. गले में ख़राश या दर्द

कोरोना वायरस के लक्षण कितने दिनों में दिखाई देते हैं

COVID-19 वायरस का Incubation Period 2 से 14 दिनों के बीच होता है। इस समय के दौरान वायरस अपनी संख्या में वृद्धि करता है। औसत तौर पर 5.5 दिनों तक सक्रमण से लक्षण दिखाई देने लगते हैं। हालांकि 11 दिनों तक 97.5% लोगों में और 14 दिनों तक 98.9% लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई देने लग जाते हैं। इसलिए 14 दिन के क्वारनटाइन की सलाह दी जाती है।

फेफडों की कोशिकाओं को अपने नियंत्रण में लेने से हमारी कोशिकाएं बहुत बड़ी संख्या में वायरस बनाने लग जाती हैं। इस प्रक्रिया में कोशिकाओं का अपने उर नियंत्रण खत्म हो जाता है, जिसकी वजह से वो वायरस की ज्यादा संख्या के कारण फटने लग जाती हैं।

कोशिकाओं के फटने से फेफडों में pus जमना शुरू हो जाता है। इस pus के कारण फेफडों की कार्य क्षमता कम हो जाती है तथा शरीर मे ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।

ऑक्सीजन का स्तर ज्यादा कम होने पर रोगी को वेंटिलेटर पर कृत्रिम सांस देने के लिए भी रखा जाता है। लेकिन अगर शरीर का innate immune system कमजोर है तो वह पर्याप्त मात्रा में antigen नही बना पायेगा, जिससे शरीर मे कोरोना वायरस की वृद्धि होती रहेगी। इसी कड़ी में धीरे धीरे रोगी का दम घुटने या ऑक्सीजन की कमी की वजह से गुर्दे, फेफड़े या दिल खराब होने से मौत हो जाती है।

इम्यून सिस्टम को कैसे मजबूत करें

हमारा रक्षा तंत्र एक दो दिन नहीं बल्कि सालों की हमारी आदतों पर निर्भर करता है। इसलिए हमें स्वास्थ्य वर्धक खाना और दिनचर्या का अनुसरण करना चाहिए। इनमें से कुछ नीचे लिखी गयी हैं।

  1. खाने में फलों और हरी सब्जियों का सेवन करके
  2. चिंता और तनाव से मुक्त रहना जरूरी है
  3. थोड़ी बहुत एक्सरसाइज जरूरी है
  4. कम से कम 7 से 8 घण्टे की नींद लेनी जरूरी है
  5. धूम्रपान और शराब की लत को छोड़कर
  6. अपने वजन औऱ सेहत को ठीक करें
  7. खाने में स्वास्थ्य वर्धक मसाले जैसे लहसुन, अदरक, हल्दी, जीरा, धनिया, सेंधा नमक, अजवायन, मेथी, हरि मिर्च, पुदीना, तुलसी आदि का सेवन करें
  8. खट्टे फलों जैसे मौसमी, सन्तरा, नींबू और विटामिन-C की गोलियां भी ले सकते हैं
  9. चाय कॉफी और तले भुने हुए खाने का कम से कम प्रयोग करें
  10. Processed सुगर जैसे कोल्ड ड्रिंक, डिब्बा बन्द जूस और इसी तरह के डिब्बा बन्द खाद्य और तरल पदार्थों का सेवन कम से कम करें
  11. योग और प्राणायाम से अपने शरीर के इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाएं

कोरोना वायरस से कैसे बचाव किया जा सकता है

क्या कोरोना वायरस की कोई दवाई है

नहीं। अभी तक कोरोना वायरस की कोई दवाई उपलब्ध नहीं है। सिर्फ लक्षणो को ठीक करने की ही दवाइयां दी जा रहीं हैं। जैसे बुखार के लिए पेरासिटामोल, विटामिन C की दवाइयां, निमोनिया की दवाइयां आदि। लेकिन कोरोना वायरस के लिए कोई स्पेशल दवाई अभी तक नहीं बनाई गई है।

कोरोना वायरस फेफडों पर हमला क्यों करता है

हमारे शरीर में लगभग 37 करोड़ कोशिकाएं होती हैं। फेफडों में Ace 2 Receptor कोशिकाएं होती हैं। कोरोना वायरस का स्पाइक प्रोटीन एक चाबी की तरह होता है और फेफड़ों को कोशिकाओं का ace 2 receptor एक ताले की तरह। शरीर के बाकी हिस्से की कोशिकाओं में यह receptor नहीं पाया जाता, इसलिए कोरोना वायरस फेफड़ों को छोड़कर बाकी हिस्सों पर हमला नहीं कर सकता।

कोरोना वायरस से मृत्यु दर के आँकड़े

पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से मृत्यु दर लगभग 2% के आस पास है। हालांकि यह आंकड़ा 1% से भी कम होने की उम्मीद है क्योंकि बहुत सारे लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि नहीं होती है और वो अपने आप ठीक हो जाते हैं। हालाँकि मृत्यु दर उम्र औऱ पहले से बीमार लोगों के लिए अलग अलग है। जैसे 60 साल से कम उम्र के लोंगो में 1% से कम तथा 75 साल से ऊपर लोगों में 10% के आस पास मृत्य दर है। इसका मतलब यह है कि अगर आप 60 साल से कम उम्र के हैं और पहले से कोई बीमारी जैसे शुगर, बीपी, कैंसर, एड्स आदि नहीं है तो आपके मरने की संभावना 1% से कम है।

कोरोना वायरस क्या होता है

यह कोरोना वायरस (COV’s) समूह का एक वायरस है जो जानवरों और इंसानों में सामान्य तौर पर पाए जाते हैं। यह वायरस 7 प्रकार के कोरोना वायरस में से एक प्रकार है जो इंसानों में सामान्य सर्दी जुकाम जैसी बीमारियों के लिए जिम्मेदार होते हैं। 

कोरोना वायरस कहाँ से आया है

COVID-19 वायरस बीटा कोरोना वायरस समूह का वायरस है। यह समूह आमतौर पर चमगादड़ और ऊँटो में पाया जाता है। हालाँकि इसके इंसानों में आने के पुख्ता सबूत नहीं हैं।

COVID-19 बिमारी के लक्षण क्या हैं

बुखार, सुखी खांसी, थकावट और स्वाद तथा सुंगध का अभाव आदि कोरोना वायरस के सामान्य लक्षण हैं। इसके अलावा सांस लेने में दिक़्क़त, सीने में दर्द आदि ज्यादा खतरनाक लक्षण हैं।

कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी कौनसी है

COVID-19. इसकी फुल फॉर्म Corona Virus Disease. और इसकी पहचान 2019 में होने के कारण फरवरी 2020 में इसको COVID-19 नाम दिया गया है।

कोरोना वायरस से मरने की कितनी सम्भावना हैं

दुनिया में कोरोना वायरस से मौत की दर 2% है। यह भी 50 साल से कम उम्र में 1% से भी कम है। हालांकि पहले से बीमारी वाले इंसानों जैसे शुगर, बीपी, कैंसर, एड्स से पीड़ित लोगों में मरने की दर 10% तक है।

कोरोना वायरस के बारे में जानकारी कहाँ से ले सकते हैं

हिंदी में जानकारी के लिए

अंग्रेजी में जानकारी के लिए

Comments

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